मे अपनी यादों का किस्सा बताऊ
तो बहुत याद आते हैं, कुछ दोस्त।
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मै बिते पल को महसूस करू
तो भी कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
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अब जाने कहा है वो,
खो गये किस शहर में वो सब।
सुबह जल्दी उठूँ या देर रात तक जागूँ में,
तो भी, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
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बातें थीं हमारी पहली बारिश की मिट्टी सी महक वाली,
कुछ लम्हे थे खुशी के,साथ सफर के वो स्कुल पिक्निक के वो कॉलेज की कैंटीन के जो किसी भी दुसरी खुशी से ज्यादा अच्छे थे,
मै रोड़ पर जाऊं या पार्क मे टहलूँ तो,
या जाऊं किसी कॉलेज या खेल के मैदान मे ।
तो भी कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
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जिंदगी बदल सी गई अब हम सबकी ।
नये आकार मे ढल सी गई ये जिन्दगी ।
कोई बिज़ी है अपने बिज़नेस मे तो
कोई crazy हैं बीबी के पीछे ।
कोई बिज़ी है फैमिली मे तो कोई है
जिसे अपनी ही बेटी को परी बनाना है ।
कोई pubgलवर है तो कुछ हो गये पार्टी लवर ।
बहुत सो को नौकरी से फुरसत नही,कोई फैमिली से फ़्री नही।
किसी को शायद अब अपने मतलब के अलावा किसी से कोई मतलब नही।
शायद अब किसी को दोस्तों की जरुरत नही ।
कोई upsc/rpsc की तैयारी में डूबा है तो किसी को बाबू शोना से फुर्सत नही ।
सारे दोस्त पता नही कहा गुम हो गये , न जाने हम कब इतने बड़े हो गये की तू से आप और तुम हो गये है
मै बिते पल को सोचूँ
तो, भी कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
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सभी मित्रो को समर्पित ।
दोस्तो ज़िन्दगी मे दोस्ती के लिए हमेशा जागते रहे। खुश रहिये।यादो को महुस्स करते हुये मिलते रहे।
Lalit Sharma
Author & Motivational Speaker प्रतापगढ़
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