' आँख ज्यादा दर्द कर रही है अम्मा ? '
' हाँ बुढ़ापे की आँखें हैं न | '
' दो - तीन दिन से आँखों में पानी भी अधिक आ रहा है | '
' ठीक हो जाएँगी | '
' अब तनख्वाह मिलने दे , आँखें चैक करवा दूँगा ... चश्मा बनवा दूँगा | '
' रहने दे पहली तनख्वाह मिलेगी , बहू के लिए साड़ी-वाड़ी ले लेना | '
' बिना साड़ी के वो क्या नंगी घूम रही है ! पहले आँखें चैक हो जाएँ ... चश्मा बन जाए ... फिर उसके लिए साड़ी भी ले लूँगा | '
अचानक अम्मा ने पानी झरती आँखों से उसकी ओर देखा , फिर झुर्रीदार चेहरे पर स्नेहमयी मुस्कान तिर आई |
लघुकथाकार , कहानीकार , कवि - पवन शर्मा
' हाँ बुढ़ापे की आँखें हैं न | '

' ठीक हो जाएँगी | '
' अब तनख्वाह मिलने दे , आँखें चैक करवा दूँगा ... चश्मा बनवा दूँगा | '
' रहने दे पहली तनख्वाह मिलेगी , बहू के लिए साड़ी-वाड़ी ले लेना | '
' बिना साड़ी के वो क्या नंगी घूम रही है ! पहले आँखें चैक हो जाएँ ... चश्मा बन जाए ... फिर उसके लिए साड़ी भी ले लूँगा | '
अचानक अम्मा ने पानी झरती आँखों से उसकी ओर देखा , फिर झुर्रीदार चेहरे पर स्नेहमयी मुस्कान तिर आई |
लघुकथाकार , कहानीकार , कवि - पवन शर्मा
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.